नमो शेतकारी महासम्मान योजना के अंतर्गत किसानों को साल में करीब 6 हजार रुपये उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किये जाएंगे. इस योजना का ऐलान उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस बजट साल 2023 को पेश करने के दौरान किया. यह योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की तरह ही है.
सरकार पर पड़ेगा 6 ह्जार 9 सौ करोड़ का अतिरिक्त भार
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, इस योजना के अंतर्गत राज्य में हर एक किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 हजार रुपये मिलते हैं. इसके अलावा नमो शेतकारी महासम्मान योजना के अंतर्गत भी किसानों को 6 हजार रुपये सलाना दिए जाएंगे. जिसका फायदा करीब डेढ़ करोड़ किसान परिवारों को मिलेगा. वहीं सरकार पर इसका अतिरिक्त भार 6 हजार 9 सौ करोड़ रुपये पड़ेगा.
किसान भार एक रुपया में करवा सकेंगे फसल बीमा
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, किसान भाई अब सिर्फ एक रुपया में अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं. जिसके लिए उन्होनें बजट 2023 में फसल बिना योजना ही भी घोषणा की. इससे सरकार पर अतिरिक्त भार करीब 3 हजार 312 करोड़ रुपये का पड़ेगा.
सरकार करेगी प्रीमियम राशि का भुगतान
फसल बीमा में जहां पढ़ले किसानों को इसका प्रीमियम दो फीसद तक चुकाना पड़ता था, वहीं इस मामले में किसानों के लिए राहत भरी खबर है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, इसके लिए अब किसानों को एक भी पैसा नहीं देना पड़ेगा. सरकार प्रीमियम राशि की भुगतान करेगी. इतना ही नहीं महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के दायरे को भी सरकार ने बढ़ा दिया है. जो कि अब पांच लाख रुपये कर दी गयी है.
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जल्द शुरू होगा मोबाइल आधारित ई-पंचनामा
बेमौसम बारिश और सूखे से प्रभावित किसानों के लिए भी सरकार ने काफी कुछ ऐलान किये है. जिसके लिए मोबाइल आधारित ई-पंचनामा शुरू किया जाएगा. जिसकी मदद से तबाह हुई फसलों का आंकलन करने में मदद मिल सकेगी. साथ ही क्रषि गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ड्रिप सिंचाई के साथ साथ खेत तालाबों की भी घोषणा राज्य सरकार ने बजट 2023 में की है.
देश में प्राकृतिक आपदाओं की वजह से हुई फसल बर्बादी की भरपाई करने हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जारी की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान स्वयं की फसल के संरक्षण हेतु एक निश्चित बीमा प्रीमियम प्रदान करता है।
बदले में हानि होने की स्थिति में बीमा कंपनियों के साथ-साथ केंद्र एवं राज्य सरकारें किसानों की आंशिक भरपाई करती हैं। परंतु, फिलहाल महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य स्तर पर 1 रुपये के ब्याज पर बीमा योजना का ऐलान कर दिया है। इसका सर्वाधिक लाभ उन किसानों को प्राप्त होगा, जो छोटी भूमि पर कृषि करते हैं अथवा बड़ा बीमा प्रीमियम भरने में असमर्थ होते हैं।
राज्य सरकार के द्वारा फसल हानि की भरपाई की जाएगी
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी फसलों हेतु 1.5 फीसद, खरीफ फसलों हेतु 2 फीसद एवं बागवानी फसलों का बीमा करवाने हेतु 5 फीसद बीमा प्रीमियम जमा करना होता है। परंतु, महाराष्ट्र सरकार द्वारा फिलहाल यह चिंता भी समाप्त कर दी गई है।
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प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है, कि पूर्व में फसल बीमा योजना का लाभ लेने वाले किसान भाइयों से बीमा की धनराशि का 2 फीसद ब्याज लिया जाता था। फिलहाल, सरकार 1 रुपये में फसल बीमा मुहैय्या करवाने की तैयारी में जुट रही है। इस योजना के अंतर्गत सरकारी खजाने से 3312 करोड़ रुपये का खर्चा किया जाएगा।
महाराष्ट्र राज्य में भी प्राकृतिक कृषि के क्षेत्रफल में होगी वृद्धि
कृषि क्षेत्र में रसायनों के बढ़ते उपयोग से ना केवल मृदा की उपजाऊ क्षमता कमजोर होती जा रही है। साथ ही, रसायन से उत्पादित कृषि उत्पादों से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसी वजह से फिलहाल अधिकांश राज्य सरकारें प्राकृतिक खेती का मॉडल अपना रही हैं।
नव वर्ष के बजट में महाराष्ट्र सरकार द्वारा भी आगामी 3 वर्ष में 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने का निर्णय किया है। इसी योजना के अंतर्गत प्रदेश में 1000 बायो-इनपुट संसाधन केंद्र की स्थापना का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।